सिस्टम की चुप्पी का क्या है इशारा”


राजगढ़। ग्राम पंचायत हिनोती में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मृतक पंचायत सचिव कैलाश चंद्र वर्मा के नाम से उनकी मृत्यु के बाद भी सरकारी पोर्टल पर योजनाओं का संचालन और भुगतान जारी रहा। सचिव की मृत्यु 26 मार्च 2024 को हो चुकी थी, लेकिन अप्रैल और मई में भी उनकी ID से लाखों रुपए के भुगतान किए गए।
शिकायतकर्ता, लाल सिंह तंवर वर्तमान पंचायत सचिव ने जिला प्रशासन को भेजी शिकायत में आरोप लगाया कि न सिर्फ योजनाएं मृत सचिव के नाम से संचालित हो रही हैं, बल्कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से बिलों और मस्टरों को भी पास किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, जब वे नए सचिव से संपर्क करने पहुंचे तो सरपंच ने उन्हें यह कहकर टाल दिया कि “पुराने पंचायत सचिव से ही काम करवा रखा है, सरकार पैसा न दे तो मुझसे नगद ले जाना।

सरकारी पोर्टल पर जारी रहा भुगतान, मस्टरों में मृतक सचिव के हस्ताक्षर!
शिकायतकर्ता के मुताबिक ग्राम पंचायत में अब भी मृत सचिव के हस्ताक्षरों वाले बिल और मस्टर पास हो रहे हैं।
- साल 2024 में ही भूमि समतलीकरण योजना के तहत 16 लाख से ज्यादा की राशि निकाल ली गई।
- 2023-24 में खरीदे गए सामान का भुगतान 2024-25 में किया गया, वह भी मृतक सचिव के नाम पर।
- पोर्टल से निकाली गई जानकारी में कई ऐसे भुगतान दर्ज हैं, जिन पर अब भी कार्य प्रगति पर दिखाया गया है।
शिकायत में यह भी उल्लेख है कि सचिव की मौत के बाद उनकी ID बंद कर नई ID जारी नहीं की गई, बल्कि जनपद पंचायत की ID से ही कार्य जारी रहा। जिससे साफ जाहिर होता है कि जनपद कार्यालय के एपीओ, लेखाधिकारी और ऑपरेटर स्तर तक की मिलीभगत हो सकती है। शिकायतकर्ता ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यह मामला उन्हीं अधिकारियों को न सौंपा जाए जिन पर संदेह है।
सवाल उठता है — क्या सिस्टम में मरे हुए लोंगो के नाम पर भी योजनाएं चलाते रहेंगे? या पंचायत विभाग इस गंभीर घोटाले की निष्पक्ष जांच करेगा?