फर्जी नियुक्तियों का खुलासा:

राजगढ़, मध्य प्रदेश — जिले में फर्जीवाड़े का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने निजी कंपनी ‘सिग्मा इन्फोटेक’ के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा दिया। दस्तावेज़ों के अनुसार, इस युवक ने राजगढ़ जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से सपोर्ट स्टाफ नियुक्त करने के नाम पर युवाओं से पैसे लिए और उन्हें नियुक्ति पत्र दिए।

क्या है मामला?
सिग्मा इन्फोटेक, भोपाल द्वारा जारी एक पत्र (दिनांक 21 अप्रैल 2025) के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग राजगढ़ को वैध रूप से सपोर्ट स्टाफ उपलब्ध कराया गया था। लेकिन बाद में एक और पत्र (दिनांक 5 मई 2025) में कंपनी ने कोतवाली थाना राजगढ़ को सूचित किया कि भूपेंद्र नाम के द्वारा कंपनी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर कई लोगों को नौकरी दिलाने का वादा किया गया। मामला उसे समय सामने आया है जब नियुक्ति मिलने के बाद लोग नौकरी करने के लिए अस्पताल पहुंचने लगे लेकिन सिविल सर्जन कार्यालय से ऐसा कोई भी पत्र जारी नहीं किया गया था।

कंपनी ने दर्ज कराई शिकायत
सिग्मा इन्फोटेक ने स्पष्ट किया कि उनके द्वारा नियुक्त केवल वैध कर्मचारियों की सूची संबंधित विभागों को दी गई थी और फर्जी नियुक्तियों से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट
सिविल सर्जन कार्यालय, राजगढ़ द्वारा पुलिस अधीक्षक को भेजे गए पत्र में यह स्वीकार किया गया कि “कूट रचित हस्ताक्षर” से जारी नियुक्ति आदेश कंपनी द्वारा जारी किए गए वैध आदेशों से मेल नहीं खाते। यह भी स्पष्ट किया गया कि इन नियुक्तियों का उनके कार्यालय से कोई संबंध नहीं है और जांच में सामने आया है कि इन पत्रों के लिए पैसों का लेन-देन भी किया गया है।
पुलिस की जांच जारी
कोतवाली पुलिस को एसपी से निर्देशित किया गया है कि शिकायत को प्राथमिकता पर लेकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। मामले में आगे की जांच जारी है। इस मामले में कई और लोग के जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं।