परिवार ने किया नेत्रदान

माचलपुर (राजगढ़)।
बाढ़गांव की सात वर्षीय बच्ची वाहिनी गुप्ता की दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। मासूम वाहिनी अपने परिवार के साथ खुजनेर में आयोजित एक शादी समारोह में गई थी, जहां 6 मई की रात यह हृदयविदारक हादसा हुआ।
शादी समारोह में सजावट और मनोरंजन के लिए रखे गए ठंडी नाइट्रोजन से भरे एक बर्तन में वह बच्ची अनजाने में गिर गई। नाइट्रोजन की तीव्र ठंडक ने उसके शरीर को बुरी तरह जला दिया। हादसे में बच्ची का 80% शरीर जल गया था और वह गंभीर स्थिति में थी।
परिजन तत्काल उसे इंदौर के अरबिंदो अस्पताल ले गए, जहां उसे जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद बच्ची की हालत में सुधार नहीं आया और 10 मई की रात को उसका निधन हो गया।
वाहिनी, राजेश गुप्ता की बेटी थी। यह हादसा केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की आंखें खोलने वाला बन गया है।
परिवार ने किया नेत्रदान, दी उम्मीद की रोशनी
इस त्रासदी के बावजूद वाहिनी के परिवार ने बड़ा दिल दिखाते हुए उसका नेत्रदान किया। मासूम बच्ची की आंखें अब किसी और की दुनिया में उजाला भरेंगी। यह निर्णय अपने आप में एक प्रेरणादायी कदम है।
शादी में इस्तेमाल हो रही खतरनाक चीजों पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने इस घटना के बाद आवाज़ उठाई है कि शादी समारोहों में दिखावे के लिए की जा रही ऐसी व्यवस्थाएं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं, उन पर रोक लगाई जाए।
ठंडी नाइट्रोजन जैसी खतरनाक गैसों का खुले में उपयोग सुरक्षा के गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
“एक बच्ची की जान चली गई, लेकिन क्या अब भी हम नहीं चेते?”
वाहिनी की मौत से बाढ़गांव ही नहीं, पूरा माचलपुर शोक में डूबा है। लोगों का कहना है कि यदि सुरक्षा के उपाय होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था। अब जरूरत है कि इस घटना को उदाहरण बनाकर प्रशासन सख्ती से नियम बनाए, जिससे किसी और मासूम की जान न जाए।
