बिना चेतावनी बंद हुआ गोरखपुरा मदर स्टेशन, सड़क पर उतरे लोग

गोरखपुरा मदर स्टेशन पर विरोध जताते लोग।
राजगढ़।
गोरखपुरा में संचालित थिंक गैस का मदर स्टेशन अचानक बंद कर दिए जाने से जिले और आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है। प्रदेश के सबसे बड़े हाई प्रेशर सीएनजी स्टेशन को बिना किसी पूर्व सूचना के बंद किए जाने पर वाहन चालकों का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को नाराज़ वाहन मालिकों ने गैस प्लांट के सामने प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई।

क्यों खास था गोरखपुरा मदर स्टेशन?
यह स्टेशन न केवल राजगढ़, बल्कि भोपाल, सीहोर और आसपास के जिलों में हाई प्रेशर सीएनजी की सप्लाई का केंद्र था। यहाँ से वाहन चालक 8 किलो तक गैस भरवा सकते थे, जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करने में राहत मिलती थी। ऑटो, टैक्सी, ट्रक और लॉजिस्टिक्स सेवा से जुड़े हजारों लोगों की रोज़ी-रोटी इसी स्टेशन से जुड़ी हुई थी।

“कम प्रेशर, ज्यादा खर्च”
अन्य सीएनजी पंपों पर सिर्फ 2.5 से 3 किलो गैस प्रेशर मिल रहा है, जिससे वाहन चालकों को हर कुछ किलोमीटर पर रिफिल करानी पड़ रही है। इससे न सिर्फ वक्त और पैसा बर्बाद हो रहा है, बल्कि रोज़गार भी प्रभावित हो रहा है।
“साजिश के तहत बंद कराया गया स्टेशन” —प्रदर्शनकारियों का आरोप
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ निजी पंप संचालकों की मिलीभगत से इस मदर स्टेशन को जानबूझकर बंद कराया गया है, ताकि कम गैस देकर अधिक पैसा वसूला जा सके। वाहन मालिकों ने चेतावनी दी है कि यदि स्टेशन शीघ्र चालू नहीं हुआ, तो ज़िला-भर में बड़ा आंदोलन होगा।
कंपनी और प्रशासन पर सवाल
थिंक गैस प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के इतना बड़ा निर्णय क्यों लिया गया? कंपनी के अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन की चुप्पी ने भी जनता को नाराज़ कर दिया है।
जनता की 5 प्रमुख माँगें:
गोरखपुरा मदर स्टेशन को तत्काल चालू किया जाए।
अन्य पंपों पर पर्याप्त गैस प्रेशर सुनिश्चित किया जाए।
थिंक गैस कंपनी सार्वजनिक तौर पर जवाबदेही तय करे।
स्टेशन बंद करने के पीछे की वजहों की निष्पक्ष जांच हो।
यदि कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध और तेज किया जाएगा।
यह मामला अब केवल गैस की सुविधा का नहीं, बल्कि हज़ारों लोगों के रोज़गार और अधिकारों से जुड़ा सवाल बन चुका है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।