राजगढ़ में नगर पालिका अध्यक्ष के बेटे ने पुलिस से की बदसलूकी, सुबह पकड़े गए तो मांगी माफी

ब्यावरा (राजगढ़) | InsightsStory.News
बीती रात सुठालिया रोड पर हुए एक विवाद ने पूरे राजगढ़ ज़िले को हिला कर रख दिया। नगर पालिका अध्यक्ष के पुत्र और भाजपा नेता पवन कुश्वाहा ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों से ना सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि उन्हें धमकियां तक दीं। मगर सुबह होते-होते तस्वीर पूरी तरह बदल गई — पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों ने सरेबाज़ार माफ़ी मांगी, और वही लोग जो रात में कानून को ललकार रहे थे, अब वर्दी वालों के पैरों में गिरते नज़र आए।
रात में धमकी, “वर्दी उतरवा दूंगा!”
सूत्रों के अनुसार, सुठालिया रोड पर एक झगड़े की सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो वहां मौजूद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने एक अन्य व्यक्ति की मौजूदगी में मारपीट की और जब रोकने की कोशिश की गई, तो पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन तोड़ दिए।
आरक्षक पीयूष गुप्ता का फोन क्षतिग्रस्त कर दिया गया
संतोष जाट के मोबाइल से वीडियो डिलीट कर दिया गया
सुबह होते ही बदली तस्वीर: आरोपियों का जुलूस
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अजय, राहुल, अंकित, मोनू कुश्वाहा सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया।
सुबह इनका जुलूस निकाला गया, जहाँ कैमरों के सामने आरोपी पुलिसकर्मियों से पैर पकड़कर माफ़ी मांगते नज़र आए। यह दृश्य सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया और आम जनता में एक बार फिर यह बहस तेज़ हो गई। क्या राजनीति के नशे में कानून को रौंदा जा सकता है?
गौरतलब है कि मुख्य आरोपी पवन कुश्वाहा अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। इस मामले में राजनीतिक दबाव और प्रशासन की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर समाज को झकझोर दिया है। रात में कानून को धमकी देने वाले,
सुबह उसी कानून के आगे झुके, गिड़गिड़ाए और शर्मिंदा हुए।
लेकिन असल सवाल अब भी कायम है।