संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की नाराजगी चरम पर, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

हड़ताल के दौरान जलाया एनएचएम द्वारा जारी आदेश
राजगढ़/भोपाल . संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए हाल ही में बनाई गई नई नीतियों ने बीते वर्षों में दी गई कई सुविधाओं में कटौती कर दी है। पिछले 20 से 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे अनुभवी स्वास्थ्य कर्मी इन बदलावों से बेहद नाराज हैं। खासतौर पर, पहले जहां उन्हें मेडीकल लीव का आश्वासन दिया गया था, अब उसे समाप्त कर दिया गया है। साथ ही, अप्रेजल (कार्य मूल्यांकन) की प्रक्रिया को भी पहले की तुलना में काफी कठिन बना दिया गया है।
इन बदलावों से लंबे समय से काम कर रहे संविदा कर्मियों के मन में असुरक्षा का भाव गहराता जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों की मांग है कि उनके अनुभव और कार्य को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष अप्रेजल किया जाए और किसी भी कर्मचारी को महज अप्रेजल के आधार पर सेवा से न हटाया जाए।
अपनी मांगों के समर्थन में संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) और कलेक्टर को आदेश जारी किया गया है, जिसमें हड़ताल समाप्त करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
हालांकि, इस पत्र के जारी होते ही संविदा स्वास्थ्य कर्मी और अधिक आक्रोशित हो गए हैं। कर्मियों का कहना है कि उनकी जायज मांगों को दरकिनार कर प्रशासन दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। वे चाहते हैं कि उनकी आवाज को गंभीरता से सुना जाए और उनकी वर्षों की मेहनत और सेवाओं का उचित सम्मान किया जाए।
संविदा स्वास्थ्य कर्मी साफ तौर पर कह रहे हैं कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाते, तब तक वे हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। अब देखना होगा कि प्रशासन और संविदा कर्मियों के बीच जारी यह टकराव किस दिशा में आगे बढ़ता है।
