December 18, 2025

”सरकारी वादों के बीच उपेक्षित गांव, शिक्षा के लिए तरसते बच्चे”

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इसके बावजूद, जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर बसे एक गांव की तस्वीर अलग ही कहानी बयां करती है। यहां के निवासी आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रोजगार की तलाश में गांव के युवक और परिवार दूर-दराज के इलाकों में मजदूरी करने को मजबूर हैं।

आर्थिक तंगी का सबसे गहरा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ा है। कई बच्चे पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) लागू होने के बावजूद, न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी, न कोई जनप्रतिनिधि, और न ही कोई सामाजिक संगठन इस गांव की स्थिति जानने की कोशिश कर पाया।

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